टमाटर की खेती की पूरी जानकारी

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टमाटर की खेती की पूरी जानकारी

1. जलवायु और भूमि चयन

  • टमाटर गर्म और समशीतोष्ण जलवायु में अच्छी तरह उगता है।
  • 20-30°C तापमान टमाटर की फसल के लिए उपयुक्त होता है।
  • अधिक ठंड (10°C से कम) और अधिक गर्मी (35°C से ज्यादा) फसल के लिए हानिकारक होती है।
  • दोमट या बलुई दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी अच्छी हो, सबसे उपयुक्त होती है।
  • मिट्टी का pH मान 6.0-7.0 होना चाहिए।

2. उन्नत किस्में

देशी किस्में:

  • पूसा रुबी
  • पूसा अर्पिता
  • अर्का मेघाली

संकर किस्में:

  • पूसा 120
  • नवीन-2000
  • अर्का विकास
  • हाइब्रिड-2

3. बीज की बुवाई और नर्सरी तैयारी

  • 1 हेक्टेयर के लिए 100-150 ग्राम बीज पर्याप्त होते हैं।
  • बीज को 0.2% थीरम या कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें।
  • नर्सरी में 1-1.5 सेमी गहराई पर पंक्तियों में बीज बोएं और हल्की मिट्टी या गोबर खाद डालें।
  • अंकुरण के बाद 25-30 दिन में पौधों को मुख्य खेत में रोपाई करें।

4. खेत की तैयारी और खाद-उर्वरक प्रबंधन

  • खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें और पाटा लगाकर मिट्टी भुरभुरी बनाएं।
  • जैविक खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 20-25 टन गोबर खाद डालें।
  • रासायनिक उर्वरक:
    • नाइट्रोजन (120 कि.ग्रा.), फॉस्फोरस (60 कि.ग्रा.), और पोटाश (60 कि.ग्रा.) प्रति हेक्टेयर दें।
    • नाइट्रोजन को 3 बार में दें – रोपाई के समय, फूल आने पर और फल बनने पर।

5. सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण

  • गर्मी में 5-7 दिन और सर्दी में 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
  • फूल और फल बनने के समय नियमित सिंचाई आवश्यक है।
  • खरपतवार नियंत्रण के लिए 2-3 बार निराई-गुड़ाई करें।
  • प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग खरपतवार नियंत्रण और नमी संरक्षण के लिए किया जा सकता है।

6. प्रमुख कीट और रोग नियंत्रण

कीट:

  1. फल छेदक कीट – बैसिलस थुरिंजिनेसिस या नीम तेल (5%) का छिड़काव करें।
  2. सफेद मक्खी – इमिडाक्लोप्रिड या एसिटामिप्रिड का छिड़काव करें।
  3. थ्रिप्स और माइट्स – स्पाइनोसैड या फिप्रोनिल का प्रयोग करें।

रोग:

  1. पत्ती धब्बा रोग – मैंकोजेब या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें।
  2. झुलसा रोग – कार्बेन्डाजिम या ट्राइकोडर्मा विरिडी का छिड़काव करें।
  3. मोज़ेक वायरस – प्रभावित पौधों को हटा दें और सफेद मक्खी का नियंत्रण करें।

7. टमाटर की तुड़ाई और उपज

  • रोपाई के 60-90 दिन बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
  • तुड़ाई सुबह या शाम के समय करें ताकि टमाटर ताजे रहें।
  • टमाटर की उपज 250-500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है।

8. विपणन और भंडारण

  • ताजे टमाटर सीधे बाजार में बेच सकते हैं।
  • भंडारण के लिए 8-10°C तापमान पर रखें।
  • टमाटर प्रोसेसिंग (कैचअप, सॉस, प्यूरी) के लिए खाद्य उद्योगों से संपर्क करें।

9. अतिरिक्त सुझाव (जैविक खेती के लिए)

  • रासायनिक कीटनाशकों की जगह नीम तेल, ट्राइकोडर्मा, वेस्ट डी कंपोजर का प्रयोग करें।
  • जैविक खाद जैसे वर्मी कम्पोस्ट, गोबर खाद, हरी खाद का उपयोग करें।
  • टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) से पानी की बचत और उपज बढ़ाई जा सकती है।

निष्कर्ष

टमाटर की खेती कम लागत में अधिक लाभ देने वाली फसल है। यदि उचित उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाए तो अच्छी पैदावार और मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।

आप टमाटर की खेती किस मौसम में करना चाहते हैं? 

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