लहसुन की खेती की पूरी जानकारी

7 / 100

लहसुन (Garlic) एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है, जिसका उपयोग खाने के स्वाद और औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। इसकी खेती कम लागत में अच्छा लाभ देती है।


1. जलवायु और भूमि चयन

  • लहसुन समशीतोष्ण जलवायु में अच्छा उत्पादन देता है।
  • 10-25°C तापमान इसके लिए उपयुक्त होता है।
  • बलुई दोमट या दोमट मिट्टी जिसमें जैविक तत्व अधिक हों, सबसे उपयुक्त होती है।
  • मिट्टी का pH मान 6.0-7.5 होना चाहिए।

2. उन्नत किस्में

देशी किस्में:

  • जमुना सफेद-1
  • जमुना सफेद-2
  • यमुना सफेद-3

संकर और उन्नत किस्में:

  • जी-50
  • एग्रीफाउंड व्हाइट
  • पूसा सिल्वर

3. बुवाई का समय

मौसमबुवाई का समय
खरीफ (मानसून)अगस्त-सितंबर
रबी (सर्दी)अक्टूबर-नवंबर

4. बीज की मात्रा और बुवाई विधि

  • प्रति हेक्टेयर 500-600 किग्रा कंद (कलियां) की आवश्यकता होती है।
  • कंदों का आकार मध्यम होना चाहिए और बुवाई से पहले थायरम या कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें।
  • कतार से कतार की दूरी 15-20 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 7-10 सेमी रखें।
  • कंद को 2-3 सेमी गहराई में बोना चाहिए।

5. खेत की तैयारी और खाद-उर्वरक प्रबंधन

  • खेत की 2-3 बार जुताई करें और पाटा लगाकर मिट्टी भुरभुरी बनाएं।
  • जैविक खाद: प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की खाद डालें।
  • रासायनिक उर्वरक:
    • नाइट्रोजन (100 कि.ग्रा.), फॉस्फोरस (50 कि.ग्रा.), और पोटाश (50 कि.ग्रा.) प्रति हेक्टेयर दें।
    • नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय और आधी 40 दिन बाद दें।

6. सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण

  • पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करें।
  • इसके बाद हर 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
  • जल भराव से बचने के लिए उचित जल निकासी की व्यवस्था करें।
  • खरपतवार नियंत्रण के लिए 2-3 बार निराई-गुड़ाई करें।
  • पेन्डीमेथालिन (1 किग्रा/हेक्टेयर) का छिड़काव खरपतवार नियंत्रण में सहायक है।

7. प्रमुख कीट और रोग नियंत्रण

कीट:

  1. थ्रिप्स (Thrips):
    • नीम तेल (5%) का छिड़काव करें।
    • इमिडाक्लोप्रिड का उपयोग करें।
  2. बल्ब मक्खी:
    • फिप्रोनिल का छिड़काव करें।

रोग:

  1. पत्ती धब्बा रोग: मैंकोजेब या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें।
  2. सफेद फफूंद रोग: सल्फर पाउडर का छिड़काव करें।

8. कटाई और उपज

  • लहसुन की फसल 120-150 दिन में तैयार होती है।
  • जब पत्तियां पीली होकर सूखने लगें, तब खुदाई करें।
  • कटाई के बाद लहसुन को धूप में सुखाएं और छायादार स्थान पर भंडारण करें।
  • औसत उपज 80-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है।

9. विपणन और भंडारण

  • सूखे लहसुन को स्थानीय बाजारों या थोक मंडियों में बेचा जा सकता है।
  • भंडारण के लिए इसे हवादार और सूखे स्थान पर रखें।
  • प्रोसेसिंग यूनिट्स (लहसुन पाउडर, पेस्ट) के लिए भी बेच सकते हैं।

10. जैविक खेती के लिए सुझाव

  • रासायनिक खाद की जगह वर्मी कम्पोस्ट, नीम खली, और जैविक खाद का उपयोग करें।
  • जैविक कीटनाशकों (जैसे नीम तेल और ट्राइकोडर्मा) का प्रयोग करें।
  • ड्रिप सिंचाई अपनाकर पानी की बचत करें।

निष्कर्ष

लहसुन की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है। सही तकनीकों का उपयोग करके अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है।

क्या आप लहसुन की जैविक खेती करना चाहेंगे या पारंपरिक विधि अपनाना पसंद करेंगे?

Leave a Comment