
टमाटर की फसल में सही सिंचाई तकनीक
टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए सही समय और विधि से सिंचाई करना बहुत जरूरी है। अत्यधिक या कम पानी देने से फसल को नुकसान हो सकता है।
1. टमाटर की फसल में पानी लगाने के सही तरीके
A. ड्रिप सिंचाई (सबसे प्रभावी तरीका)
✅ लाभ:
- पानी की बचत (30-50%)
- पौधों को आवश्यकतानुसार नमी मिलती है
- जड़ों तक सीधा पानी पहुंचता है
- रोगों का खतरा कम होता है
✅ कैसे करें?
- ड्रिप पाइप की लाइन पौधों की कतारों के साथ बिछाएं।
- हर पौधे के पास एक ड्रिप नोजल लगाएं।
- दिन में 1-2 घंटे तक हल्का पानी दें (मौसम के अनुसार)।
B. फव्वारा (स्प्रिंकलर) सिंचाई
✅ लाभ:
- पानी की बचत
- पूरे खेत में समान रूप से नमी बनी रहती है
✅ कैसे करें?
- छोटे पौधों के लिए हल्की फुहार का उपयोग करें।
- गर्मी के मौसम में सुबह या शाम के समय सिंचाई करें।
- अत्यधिक नमी से बचें, नहीं तो फंगल रोग लग सकते हैं।
C. परंपरागत विधि (नाली विधि या कूड़ सिंचाई)
✅ लाभ:
- सिंचाई आसान होती है
- बड़े क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है
✅ कैसे करें?
- टमाटर के पौधों की कतारों के बीच 10-15 सेमी गहरी नालियां बनाएं।
- नालियों में धीरे-धीरे पानी छोड़ें ताकि जड़ों तक नमी पहुंचे।
- अधिक पानी भरने से बचें, नहीं तो जड़ सड़ने की समस्या हो सकती है।
2. टमाटर में सिंचाई का सही समय
फसल अवस्था | सिंचाई का समय |
---|---|
बीज अंकुरण | हल्की नमी बनाए रखें (हर 2-3 दिन में हल्की सिंचाई) |
पौधों की बढ़वार | 6-7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें |
फूल आने का समय | 4-5 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें |
फल बनने का समय | 3-4 दिन के अंतराल पर पानी दें (नमी बनी रहनी चाहिए) |
फसल पकने का समय | पानी की मात्रा धीरे-धीरे कम करें, फसल पकने से 10-12 दिन पहले पानी बंद करें |
3. सिंचाई करते समय ध्यान देने योग्य बातें
✅ सुबह या शाम को सिंचाई करें, दोपहर में पानी न दें।
✅ जलभराव से बचें, नहीं तो जड़ गलन और फफूंद रोग हो सकते हैं।
✅ गर्मी में पानी की आवश्यकता अधिक होती है, लेकिन ठंड में कम पानी दें।
✅ अधिक नमी से पत्तों पर फंगस और फल सड़ने की समस्या हो सकती है।
निष्कर्ष
टमाटर की फसल में ड्रिप सिंचाई सबसे प्रभावी होती है, लेकिन यदि वह संभव न हो तो नाली विधि अपनाएं। फसल की अवस्था के अनुसार सही अंतराल पर पानी देना जरूरी है।
क्या आप ड्रिप सिंचाई अपनाने की योजना बना रहे हैं या पारंपरिक विधि का उपयोग करेंगे?